
हसदेव जंगल बचाने के लिए वर्चुअल जूम मीटिंग की गई आयोजित।

पीपल नाम तुलसी अभियान के संस्थापक सह अध्यक्ष की अध्यक्षता में व ग्रीन इंडियन आर्मी के संयोजन में हसदेव जंगल बचाने के लिए वर्चुअल मीटिंग आयोजित की गई जिसमें संपूर्ण भारतवर्ष के मध्यप्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश ,राजस्थान, हरियाणा , महाराष्ट्र , उत्तराखंड, हिमाचल एंव बिहार राज्य पर्यावरण प्रेमी, पर्यावरण योद्धा एंव समस्त संगठन ने अपना अपना जंगल बचाने के लिए सुझाव दिया।
वही मीटिंग की अध्यक्षता डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार जी ने की मीटिंग की शुरुआत छत्तीसगढ़ पर्यावरण प्रेमियों द्वारा की गई।
प्रदीप बाजपाई जी ने हसदेव जंगल की स्थिति बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा कोयल की खदान के लिए जगल के वृक्ष अभी भी काटे जा रहे हैं। जिसकी रोकथाम के लिए वहां के आदिवासी निरंतर रूप से विरोध कर रहे हैं लेकिन सरकार अभी तक अपनी मनमानी कर रही है और जंगल को नष्ट करने में लगी हुई है।
अनुराग बिश्नोई द्वारा बताया गया कि 2022 में राष्ट्रीय जंगल एवं प्रकृति बचाओ अभियान भारत के अंतर्गत डॉ धर्मेंद्र कुमार कि अगुवाई में दिल्ली जंतर मंतर पर छत्तीसगढ़ हसदेव जंगल बचाने के लिए देशहित में मानव जीव जंतु पशु पक्षी पेड़ पौधे एवं अन्य बेजुबान की आवाज बनकर प्राकृतिक संपदा जैव विविधता संरक्षण के लिए एक मंच पर एकत्र हुए थे। जब भी हम सभी ने जंगल की आबाज बनकर उसे बचाने के लिए कार्यक्रम किया था।
ओमप्रकाश महतो झारखंड से अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा हम अपने राज्य से कार्यक्रम आयोजित कर सहदेव जंगल बचाने हेतु अभियान चलाएंगे ।
नेपाल सिंह पाल मुरादाबाद से अपने सुझाव में कहा की तन मन धन से हम सभी सहदेव जंगल बचाने हेतु अपनी सहभागिता देंगे ।
डॉ गोविन्द त्रिपाठी ने बताया कि हम सभी संगठनों,सभी एनजीओ को एक मत होकर वहां पर जाना चाहिए और जंगल काटने से रोकना करना चाहिए और वहां के आदिवासियों का साथ देना चाहिए।
सभी ने अपने-अपने विचार एक मंच पर हसदेव जंगल बचाने के लिए सुझाव दिए।
डॉ धर्मेंद्र कुमार ने अध्यक्षीय अपना वक्त देते हुए कहा कि आगे की योजना हम सभी मिलकर तय कर लेंगे। आगामी 7 जनवरी को छत्तीसगढ़ राज्य । जो छत्तीसगढ़ जाना चाहते हैं कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं । स्थानीय स्तर भी कार्यक्रम आयोजित कर सहदेव जंगल के बेजुबान पशु पक्षियों की आवाज बने ,। अपने अपने क्षेत्रों में पांच पांच पर्यावरण योद्धाओं को को जागरूक करें यहीं कड़ी को आगे बढ़ाते चले ।हर घर से प्राणवायु की चर्चा हो । केंद्र एंव राज्य सरकार जंगल को नष्ट करने हेतु आतूर है । हमें विकास नहीं समृद्धि चाहिए । बेजुबान पशु पक्षियों का आशियाना को उजाड़कर हम समृद्ध नहीं हो सकते हैं ।हम सभी संघर्ष से बक्सवाहा जंगल को कटने से बचाए है ।
प्रियांशु धारसे ने सभी का आभार व्यक्त किया।
वर्चुअल मीटिंग में उपस्थित संपूर्ण भारत के पर्यावरण प्रेमी
ओम प्रकाश महतो,श्रवण शान जी,श्रेयांश बुढ़िया जी,राम प्रकाश रवि जी(बिहार), प्रियांशु धारसे,रजत कुमार जी,नेपाल सिंह पाल जी मुरादाबाद,राम कुमार बघेल हरियाणा , प्रेमलता सिंह ,
नफीस शेख प्रेसिडेंट जी,प्रथमेश मिश्रा जी,आचार्य रामकुमार बाघेल जी,डॉ मिथिलेश कुमार जी, प्रदीप कुमार गुप्ता जी डॉ गोविन्द त्रिपाठी जी(चित्रकूट दिल्ली)अनुराग विश्नोई जी(पंजाब), ब्रजेश कुमार सिंह जी चंद्र प्रदीप बाजपाई जी (छत्तीसगढ़),डॉ.रश्मि बुधिया जी,निलोत्पल शुक्ला जी
बिजया कुमार जेना जी,विदुषी वशिष्ठा जी,डॉ विजय कंसल जी(दिल्ली) आदि अन्य साथी उपस्थित रहे।