
लोगों के जीवन में किसी अभिशाप से कम नहीं बेरोजगारी एवं बीमारी-
आत्माराम त्रिपाठी की✍️से
आज हम बात करते हैं वर्तमान में जी रहे हर उस व्यक्ति की जिसने अपने एवं परिवार के भरण पोषण को लेकर अपना भविष्य संवारने के लिये पढ़ाई तो की तथा पढ़ लिखकर डिग्रियाँ भी हासिल की किन्तु गरीबी एवं बेरोजगारी ने उसे कुछ इस कदर बीच चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया की वह ना घर का रहा ना घाट का और जब गरीबी एवं बेरोजगारी की चक्की में पिस रहे उस इंसान के पास आर्थिक तंगी होने के चलते यदि परिवार में किसी को भी गंभीर बीमारी ने अपनी चपेट में लिया तो फिर कहना ही क्या वही बीमारी उस इंसान की सबसे बड़ी समस्या अभिशाप बन सबकुछ बर्बाद कर ऐसे लोगों को सड़क पर लाकर खड़ा कर देती है I अत: आज ऐसे लोगों की सबसे बड़ी समस्या है अपनों की बीमारी जिसमें आज शायद हर आमआदमी परेशान है I
जिसके चलते वह दर दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हैI किन्तु समय का पहिया उन पर ठहाके लगा रहा है जिसके चलते यह समस्या आज हर इंसान के लिये ला इलाज बन गई हैI जिसके पाटों में हर आमजन गेहूं की तरह पिसता चला जा रहा है, आज जो ऊपर है वह ऊपर की तरफ बढ़ता चला जा रहा है किंतु निचले पायदान पर बैठा वह हर व्यक्ति उठने की बजाय गिरता ही चला जा रहा है और स्वार्थी लोगों की भीड़ उसे कुचल कर आगे निकल रही है वह कराह रहा है I लेकिन उसकी कराह कोई सुनने वाला शायद आज कोई नहीं है जबकि आज इन जैसे लोगो के लिए केवल एक ही सबसे बड़ी समस्या है बीमारी और बेरोजगारी जो सुरसा की तरह मुंह खोल सब कुछ निगलने को आतुर है I

आज जहाँ एक ओर बीमारियां आमजन की कमर तोड़ रही है ,तो उसमें बेरोजगारी लोगों के मन में निराशा हताशा काआवरण चढ़ा रही जिसका निदान कोई नहीं खोज रहा सिर्फ दिखावा छलावा भरी बातें देखने सुनने को मिल रही है I
किसी के पास इन बीमारियों से निजात पाने के लिए कोई ठोस नीति नहीं है तथा ना हीं कोई प्रयास करना चाहते हैं, क्योंकि इन समस्याओं के निदान का मतलब 95% लोगों की दुकानों का बंद हो जाना और जब बीमारियों का डेरा नहीं होगा व्यक्ति स्वास्थ्य होगा रोजगार होगा व्यक्ति कार्य में मस्त होगा उसके पास फिजूल का समय नहीं होगा जब फिजूल का समय नहीं होगा तो वह लड़ाई झगड़े दुर्व्यवसन से दूर रहेगा लडाई, झगड़े नहीं होगें तो इन झगडो की वजह से चलने वाली दुकानों में ताला लग जाएगाI
वही आमजन का परिवार खुशहाली कीओर वापसी करेगा पर यह तभी संभव है जब हम बीमारियों पर विजय प्राप्त कर आमजन को रोजगार प्रदान करने में कामयाब हो जाएगें।