गंगा दशहरा की शुभकामनाएं देते हुए ध्यान में रखियेगा,

1.गंगाजी  में गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक प्रतिदिन 144.2
मिलियन क्यूबिक मलजल प्रवाहित किया जाता है।
2. गंगाजी  में लगभग 3840 नाले गिरते है।
3. गंगाजी  तट पर स्थापित औद्योगिक इकाईया प्रतिदिन 430 मिलियन लीटर जहरीले अपशिष्ट का उत्सर्जन करती है जो सीधे गंगा में बहा दिया जाता है।
4. लगभग 172.5 हजार टन कीटनाशक रसायन और खाद  हर वर्ष गंगाजी  में पहुँचता है।
5.वर्तमान समय में गंगाजी में  डालफिन लुप्तप्राय है. उत्तर प्रदेश  में मात्र 100  बची हैं।
6.गंगाजी किनारे  तीन किलोमीटर के दायरे में धोबीघाट पाए जाते है जो चालीस  से साठ प्रतिशत फास्फोरस डिटर्जेंट के माध्यम से पहुचा रहे है।
7. गंगा बेसिन में केवल 14.3 परसेंट वन शेष बचे हैं।

गंगाजी की प्रमुख धाराओं की वर्तमान स्थिति भी समझ लीजिए,

1. गणेश गंगा (पातालगंगा )—- सूखी
2. गरुड्गंगा        ——                सूखी
3. ऋषी गंगा      —–                  जलस्तर में तेजी से गिरावट
4. रूद्र गंगा        ——                 विलुप्त
5. धवल गंगा    ——                 जलस्तर में तेजी से गिरावट
6. विरही गंगा   ——                  जलस्तर में तेजी से गिरावट
7.  खंडव गंगा      —–                 विलुप्त
8. आकाश गंगा  ——                जलस्तर में तेजी से गिरावट
9. नवग्राम गंगा  ——                विलुप्त
10.  शीर्ष गंगा       —–                 विलुप्त
11. कोट गंगा        —–                विलुप्त
12.  गूलर गंगा       —–               जलस्तर में तेजी से गिरावट
13. हेम गंगा         —–                सूखी
14. हेमवती गंगा     —-               विलुप्त
15.  हनुमान गंगा   —-               जलस्तर में तेजी से गिरावट
16. सिध्तारंग गंगा    —-             जलस्तर में तेजी से गिरावट
17. शुद्ध्तारंगिनी  गंगा   —-        विलुप्त
18.  धेनु गंगा       —–                  विलुप्त
19.  सोम गंगा        —–                विलुप्त
20. अमृत गंगा      —–               जलस्तर में तेजी से गिरावट
21. कंचन गंगा      —–                वनस्पति के तीव्र दोहन से गादयुक्त हो गयी है
22. लक्ष्मण गंगा      ——            जलस्तर में तेजी से गिरावट
23.  दुग्ध गंगा      —–                विलुप्त
24. घृत गंगा   —–                     विलुप्त
25. रामगंगा         —–               तेजी से सूख रही
26.केदार गंगा                           जलस्तर में तेजी से गिरावट     

2014 से पहले गंगाजी स्थाई रूप से रुग्ण थीं, 2014 के बाद गंगाजी  को समयानुसार साफ/ धाराओं को मुक्त कर वाह वाही लूटी जाती है। कोई स्थायी मॉडल अभी विकसित नही हुआ है जो संतोषजनक हो। गंगाजी के किनारे होटल्स और टेनरियों की भीड़ ने गंगा मैया को अति दूषित कर रखा है। हरिद्वार के आगे गंगाजी सहायक नदियों के भरोसे हो जाती हैं।  यही हाल अन्य नदियों का है। दिल्ली में यमुनाजी मर गयी है, नदी के नाम पर सीवर बह रहा है।
कैसे कहूँ कि गंगा माई तोहार ऊंची अररिया

लेख

प्रीतम महतो

राष्ट्रीय अध्यक्ष हिंदवी स्वराज पार्टी

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