बहुत शालीन सुशील और साधारण व्यक्तिव वाले इंसान को हमने खो दिया चिर काल निंद्रा में सो गए 92 साल में

मारुति 800 वाला असाधारण शख्स चला गया। मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। इस समय यूपी सरकार में मंत्री योगी असीम अरुण जी उनकी सुरक्षा में तैनात अधिकारी थे। असीम अरुण जी ने उन्हें याद करते हुए लिखा है, “डॉ. साहब की अपनी एक ही कार थी- मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी। मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह मारुति है। मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है, लेकिन जब बैरिकेड से पार्किंग में मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते। जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है। करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है।” उनकी सादगी ऐसी थी कि हर कोई नोट करता था।

पत्रकार शकील अख्तर जी ने लिखा है कि प्रधानमंत्री के घर का सामान ज्यादातर खान मार्केट से ही जाता है। जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने तो खान मार्केट का प्रसिद्ध मटन वाला बोला हम तो बर्बाद हो गए। जब उससे पूछा कि क्या हुआ तो बोला वाजपेयी साहब के यहां इतना बड़ा बड़ा ऑर्डर जाता था। मगर यह नए पीएम न खाते हैं न खिलाते हैं। कुछ जाता ही नहीं है।

CPWD के अफसर भी परेशान थे। ‌प्रधानमंत्री निवास के सामान में कुछ खराबी हो जाती थी तो वह बदलने की बात करते थे मगर मनमोहन सिंह कहते थे कि क्या यह ठीक नहीं हो सकता? सरकारी विभागों को नया सामान खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी होती है ना की मरम्मत में। मगर मनमोहन सिंह उसी को ठीक करा कर काम चलाने की बात करते थे। और उनकी पत्नी उनसे भी आगे थीं वे रिपेयर का पैसा एडवांस देने लगती थी। अफसरों को लेना पड़ता था मना करना बहुत मुश्किल होता था। बहुत उसूलों वाले प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी थीं। सादगी शराफत सरकारी तामझाम के प्रति अरुचि। मनमोहन सिंह वास्तविक विद्वान। दिखावट का कोई मतलब ही नहीं।उन्होंने सच कहा था कि इतिहास उनका मूल्यांकन करते समय उदारता बरतेगा। उन्हें अपने आचरण पर भरोसा था और वह सही था।

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में डॉ मनमोहन सिंह जी के नाम का वज़ीफा छात्रों को मिलता है यह उनके प्रधानमंत्री काल में ही घोषित किया यूनिवर्सिटी ने । उनकी बनाई आर्थिक नीति से आज अमेरिका एक नंबर का आर्थिक विकसित देश है विश्व का । अनेक आर्थिक एवम सामाजिक किताबें उन्होंने लिखी जिनको विदेशों में बतौर कोर्स में पढ़ा जाता है ।

मौन होना ताकत है यह स्व डॉ मनमोहन सिंह जी ने विश्व को सिखा दिया ।

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