(राष्ट्रीय जंगल एवं प्रकृति बचाओ अभियान भारत)

हैदराबाद में कांचा गाचीबोवली में 400 एकड़ भूमि पर पेड़ो की रातों रात अंधाधुन कटाई और बेजुवान जीवो की बर्बरतापूर्ण हत्या पर रोक लगाने हेतु सड़क से संसद तक आवाज़ बनेंगे 22 राज्यों के पर्यावरण प्रेमी*

भौगोलिक विश्लेषण के अनुसार, 30 मार्च से 2 अप्रैल के बीच लगभग 2 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के जंगल और वनस्पतियों को नष्ट कर दिया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 50 से अधिक अर्थमूविंग मशीनों को रंगारेड्डी जिले के कांचा गचीबोवली में सफाई अभियान के लिए तैनात किया गया था,हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (HCU) कैंपस के पास 400 एकड़ में फैले विशाल हरित क्षेत्र कांचा गचीबावली जंगल में पेड़ों की कटाई कर दी गई. इस इलाके को हैदराबाद के “लंग्स” यानी फेफड़े के रूप में जाना जाता है,सैटेलाइट इमेज से पता चला है कि पिछले हफ्ते आईटी पार्क के निर्माण के लिए इस क्षेत्र के पेड़ों को हटाया गया है।

इस विनाशकारी परियोजना के खिलाफ हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र, संकाय सदस्य और पर्यावरणविद् लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद तेलंगाना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने 400 एकड़ भूमि पर चल रहे कटाई अभियान पर सरकार से जवाब तलब किया है 3 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कटाई का कार्य रुकवा दिया और अगली सुनवाई 16 अप्रैल को प्रस्तावित है। इसी प्रकार बक्स्वाहा जंगल हीरों के सुख के लिए कटवाया गया और उसे निजी कम्पनी हस्तांतरित किया गया उसके मुनाफे के लिए आदिवासी और वन जीवों को बेघर किया गया । इसी प्रकार तेलंगाना का विनाश सुर्खियों मैं है कि हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर चिल्ला रहा है क्योंकि उसका घर हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर के पास का जंगल नष्ट किया जा रहा है। जीव प्राणी अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे है तेलंगाना की सरकार सिर्फ़ पेड़ नहीं काट रहे हैं, वे जीवन, प्रकृति और मानवता को कुचल रहे हैं।

राष्ट्रीय जंगल एवं प्रकृति बचाओ अभियान भारत के बैनर तले देश के अलग-अलग राज्यों से पर्यावरण प्रेमी ने ऑनलाइन जूम मीटिंग के माध्यम से तेलंगाना के जंगल को बचाने की रणनीति बनाई इसमें सभी राज्यों के पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि हम सड़क से लेकर संसद तक हर स्तर पर पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे हम जहां रह रहे हैं वहां से तहसील,जिला राज्य एवं केंद्र स्तर माननीय मुख्यमंत्री, राज्यपाल, प्रधानमंत्री, माननीय राष्ट्रपति के नाम से ज्ञापन प्रेषित करेंगे । सरकार से हमारी अपील है कि विकास के नाम पर किए जा रहे विनाश को रोका जाए जहां अपने स्वार्थ और आराम के लिए रात रात अनगिनत पेड़ों की कटाई सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर करता है। अपील है कि प्रकृति के विनाश को रोकने के लिए सरकार अपनी अहम भूमिका निभाए।

रामनवमी के अवसर पर कई वक्ताओं ने रामायण काल को याद किया और कहा कि जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष के बनवास पर थे तब इन्हीं जीवों ने भगवान श्रीराम का साथ दिया था उसमें कई वन्य जीव प्राणी भी शामिल रहे। हमें रामराज लाना है तो हमें मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामजी के आचरण का अनुसरण करना होगा,प्रमुख वक्ताओं ने अपनी बात रखते हुए कहा है कि सरकार इस फैसले को शीघ्र ही बदले ताकि प्रकृति और जीवन की रक्षा हो सके।

इसी प्रकार उत्तराखंड में भी एयर पोर्ट के विस्तारीकरण और हाइवे चौड़ीकरण के लिए देहरादून के लंग्स माने जाने वाला 215 एकड़ जमीन लेने का प्रस्ताव, काटे जाएंगे 10 हजार पेड़! · देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (Dehradoon Airport) का विस्तार करने के लिए एवं सड़क चौड़ीकरण के लिए मोहंड के जंगलों को काटने पड़े ताकि दिल्ली देहरादून ढाई घंटे में तय किया जाए इतनी जल्दी तो इंसान स्वर्ग ही जाना चाहेगा

राष्ट्रीय जंगल एवं प्रकृति बचाओ अभियान भारत के संगठन के द्वारा किए गए वेबीनार में उत्तराखंड,मध्यप्रदेश,राजस्थान, बिहार, उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हैदराबाद, महाराष्ट्र, झारखंड, दिल्ली से 30 पर्यावरण प्रेमी सहित अन्य मौजूद रहे। मीटिंग का संचालन राष्ट्रीय जंगल एवं प्रकृति बचाओ अभियान भारत संगठन के फाउंडर मेंबर अनुराग बिश्नोई के द्वारा किया गया एवं विषय वस्तु को राजेश यादव( फाउंडर मेंबर रॉ.ज.ब.अ.भ)के द्वारा रखा गया। साथ ही शामिल पर्यावरण प्रेमी श्री मनोज डागा,पीयूष बिश्नोई,रामकुमार बघेल,प्रियांशु,नैपाल सिंहपाल,पूनम खन्ना,विश्वनाथ जी,गौरव बिश्नोई,प्रदीप गुप्ता,वीरेंद्र जी,राजकुमार विश्नोई,मनु राजा,भजनलाल विश्नोई,सिद्धांत जी,पूजा जी,प्रभा गौर, संजय कुमार, अंकित विश्नोई,आसिफ मंसूरी, रत्नेश रागी, दीपाली सिंह, जितेंद्र कुमार, कृष्ण कुमार पाठक, गरिमा सिंह,सहित अन्य ने ज्ञापन की रूपरेखा विषय वस्तु में भूमिका निभाई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *