*इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगेस्टर एक्ट में नियमानुसार कार्यवाही न किये जाने पर जिलाधिकारी गोरखपुर से जवाब तलब* याची हेमवंती पटेल निवासी देवरिया के खिलाफ जिला गोरखपुर थाना चिलवाताल के अंतर्गत गैंगस्टर एक्ट में हुई एफ आई आर को हाई कोर्ट में चुनौती दिया।

याची की ओर से अधिवक्ता सुनील चौधरी ने माननीय न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिरला व अरुण कुमार सिंह देशवाल के समक्ष बहस में बताया कि याची विरुद्ध तीन झूठे केस दर्ज कराए गए थे जिसमें वह जमानत पर है याची के ऊपर गैंगस्टर एक्ट में की गई कार्रवाई गलत है ।जिलाधिकारी के द्वारा जॉइंट मीटिंग कर गैंगस्टर चार्ट नहीं तैयार किया गया जिस पर कोर्ट ने पिछली तारीख पर जवाब मांगा था और याची के विरुद्ध उत्पीड़न की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी ।याची के ऊपर रेप ,पॉक्सो व लोगो ठगी के झूठे केस दर्ज कराने व सहयोग करने का आरोप में 3 केस दर्ज है जिसमे गैंग का सरगना विकाश सिन्हा व अन्य 4 लोग है और याची के विरुद्ध 82 (कुर्की ) की कार्रवाई किए जाने की कार्यवाही चल रही थी।अपर शासकीय अधिवक्ता द्वारा जवाब दाखिल किया गया जिसमें संयुक्त मीटिंग के बारे में कही कुछ नही कहा गया।पुनः अपर शासकीय अधिवक्ता से मीटिंग के संदर्भ में पूरी जानकारी व रजिस्टर को दाखिल करने के लिए आदेश पारित किया गया। जिलाधिकारी गोरखपुर के द्वारा मीटिंग के संदर्भ में समस्त अभिलेखों को शपथ पत्र के साथ दाखिल करने का आदेश पारित किया गया जिसमें अगली सुनवाई 1 अक्टूबर 2024 को नियत की गई व अगली सुनवाई तक याची व अन्य के विरुद्ध उत्पीड़न की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई।

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