1994 में शुरू हुआ चिनाब ब्रिज का रेल प्रोजेक्ट USBRLअर्ली टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 1983 में इंदिरा गांधी ने जम्मू-उधमपुर रेलवे लाइन की नींव रखी। 5 साल में 50 करोड़ की लागत से 53 किमी. ये रेलवे लाइन तैयार होनी थी, लेकिन इसे बनाने में 21 साल लग गए और 515 करोड़ खर्च हुए। शिवालिक की पहाड़ियों को काटकर 20 टनल और 158 पुल बनाए गए।1994 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक यानी USBRL प्रोजेक्ट शुरू किया। शुरुआत में इसका बजट 2.5 हजार करोड़ रुपए था, जो 2025 तक बढ़कर 42.93 हजार करोड़ रुपए हो गया।2003 में चिनाब ब्रिज पर मुहर लगी, 22 साल में तैयार हुआकारगिल युद्ध के बाद 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने USBRL को सेंट्रल प्रोजेक्ट घोषित किया। यानी इस प्रोजेक्ट का खर्च केंद्र सरकार ने उठाया और निगरानी रखी।2003 में सरकार ने हर मौसम में कश्मीर घाटी को देश के दूसरे हिस्सों से जोड़ने के लिए चिनाब ब्रिज बनाने का फैसला किया। 2009 तक इस ब्रिज को बनकर तैयार होना था। हालांकि ऐसा नहीं हो पाया।डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान उधमपुर से कश्मीर तक दोनों छोर पर रेल लाइनें बिछाई गईं, लेकिन इनके बीच में रेलवे लाइन नहीं बनी।2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने USBRL प्रोजेक्ट के लिए प्रोएक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लिमेन्टेशन यानी PRAGATI पहल शुरू की। इसके तहत PM मोदी सरकार ने चिनाब ब्रिज के निर्माण का जरूरी फंड मंजूर किया।आज 31 सालों बाद इस प्रोजेक्ट का काम पूरा हुआ और देश से सीधा कश्मीर को रेलवे से जोड़ा गया।अब इसके उद्घाटन पर मोदी झंडा फैरा कर अपना परचम फेरा रहे है।

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