कॉरोनेशन पार्क में रघुराज पीपल मैन फाउंडेशन की टीम ने पीपल, बरगद, नीम के पौधों का रोपणकर दिल्ली के प्रदूषण और विश्व में जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए वृक्ष रोप कर प्रकृति संरक्षण का सन्देश दे रही हैं
सांसे हो रही हैं कम आओं पेड़ लगाएं हम मुहीम को बढ़ाते पीपल मैन ने विश्व में बढ़ते तापमान और तेजी सें बढ़ते जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए रघुराज पीपल फाउंडेशन के संस्थापक पीपल मैन डॉ. रघुराज प्रताप सिंह पर्यावरणविद पिछले कई वर्षों सें पीपल, बरगद, नीम आदि पौधों का रोपणकर प्रकृति सेवा को अपना प्रेम और जूनून बना चुके हैं वह चाहे किसी का जन्मदिन हो या किसी की शादी या अन्य कोई संस्कृतिक समारोह या स्कूल कॉलेज, या गाँव, शहर इन सभी उत्सव जगहों में पीपल मैन खुद पेड़ लगाते हैं और लोगों को भी लगाने के लिए प्रेरित करते हैं और शादियों और अन्य कार्यक्रमों स्कूलों, कॉलेजों में लोगों को वृक्ष ही उपहार स्वरूप देते हैं और आज पीपल मैन के जूनून और कार्य को देखते हुए आज भारत ही नहीं अन्य कई देशों के नागरिक अपने जन्मदिन, शादी समारोह में पीपल मैन सें प्रेरित होकर प्रकृति संरक्षण और अपने जीवन को संरक्षित करने के लिए भौतिक वस्तुयों की जगह आज पेड़ लगाना प्रसंद कर रहे हैं और उपहार में भी इस मुहीम को चला रहें हैं और इसी कड़ी में आज कॉरोनेशन पार्क उत्तरी दिल्ली में संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी कर रही माला वर्मा जी सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश, और जीतू यादव बाँदा फ़िल्म स्टार और रजनी मांन्द्रे भोपाल मध्य प्रदेश के जन्मदिन के अवसर पर आज फाउंडेशन के संस्थापक पीपल मैन डॉ. रघुराज प्रताप सिंह और फाउंडेशन की टीम ने पीपल, बरगद, नीम के पौधों का रोपणकर पर्यावरण संरक्षण के साथ जन्मदिन की शुभकामनायें दी और अपने प्रत्येक जन्मदिन पर पेड़ लगाने का संकल्प दिलाया और नागरिकों सें भी आग्रह किया की केक काटने सें अच्छा है की पेड़ लगाओ यह हमें जीवन रूपी ऑक्सीजन और छाँव देंगे आगे पेड़ लगाने और जागरूकता की शपथ भी लीं गई उपस्थित टीम में पर्यावरण प्रेमी धर्मेंद्र कुमार पटेल जी प्रतापगढ़, सूरज जी छत्तीसगढ़, कमलेश कुमार आजमगढ़,प्रिंस कुमार चम्पारण बिहार रहें और आगे पीपल मैन ने कंहा की वर्षा ऋतु अपने चरम पर हैं और प्रकृति संरक्षण के लिए यह सबसे बड़ा अवसर हैं क्योंकि अगर इस समय आप कोई पेड़ लगाते हैं तो ना तो आपको तीन माह पानी देना होगा और ना ही ज्यादा सुरक्षा की चिंता होंगी क्योंकि प्रकृति अपने पुत्रों को खुद पाल पोस लेती हैं जरुरत हैं तो आपको अपने नाम का एक पेड़ लगाने की तो ढेर कैसी आओं मिलकर अपने नाम का एक पेड़ लगाते हैं।

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