
उत्तराखंड राज्य गठन से शुरू हुआ उधार का सिलसिला आज भी है जारी, कर्ज का मर्ज बढ़कर हुआ 80 हजार करोड़ Uttarakhand Budget 2023 उत्तराखंड पर कर्ज का मर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है। जो कि कर्ज बढ़ते-बढ़ते 80 हजार करोड़ के पार पहुंच चुका है। पिछले वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा 77.23 हजार करोड़ रुपये था।
पिछले 24 साल में कितनी बढ़ गई उत्तराखंड के विधायकों की सैलरी? ये रहे आंकड़े
Uttarakhand Foundation Day: 9 नवंबर को हर साल उत्तराखंड स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। साल 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग हुए उत्तराखंड को एक अलग राज्य का दर्जा मिला था।इसके बाद से राज्य की अलग विधानसभा बनी, जिसमें फिलहाल 70 सदस्य हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि उत्तराखंड में पिछले 24 सालों में विधायकों की सैलरी में कितनी अंतर आया है और विधायकों की सैलरी कितनी बढ़ी है. चलिए जानते हैं।
उत्तराखंड में 24 सालों में कितनी बदली विधायकों की सैलरी? जब उत्तराखंड राज्य बना, तो इसे एक नया राजनीतिक और प्रशासनिक ढांचा मिला।उस समय राज्य के विधायकों को मिलने वाली सैलरी और भत्ते बहुत ही कम थे. हालांकि, समय के साथ राज्य में बढ़ती महंगाई, बढ़ती ज़िम्मेदारियों और विधायकों की कार्यकुशलता को देखते हुए, उनकी सैलरी में कई बार बढ़ाई गई है।
उत्तराखंड राज्य की स्थापना के समय, 2000 में विधायकों को एक महीने में 13,000 रुपये का वेतन मिलता था। इसके अलावा, उन्हें कुछ भत्ते और अन्य सुविधाएं भी मिलती थीं। उस समय यह सैलरी और सुविधाएं राज्य के वित्तीय हालात और महंगाई को ध्यान में रखते हुए तय की गई थीं।
2012 में उत्तराखंड में विधायकों की सैलरी में फिर से वृद्धि की गई। इस समय, राज्य की सरकार ने मासिक सैलरी को 40,000 रुपये तक बढ़ाने का निर्णय लिया।इस समय सरकार ने यह निर्णय लिया था कि विधायकों को उनकी कार्यशक्ति, समय और जिम्मेदारी के अनुसार उचित वेतन मिलना चाहिए, ताकि वो राज्य की सेवा में बेहतर तरीके से काम कर सकें।इसके साथ ही उनकी सुविधाओं और भत्तों में भी वृद्धि की गई, जिसमें यात्रा भत्ता, आवास भत्ता और अन्य लाभ शामिल थे।
2016 में उत्तराखंड विधानसभा ने विधायकों की सैलरी में एक ऐतिहासिक वृद्धि की।इस बार विधायकों को मिलने वाली सैलरी को 1 लाख रुपये प्रति माह तक बढ़ा दिया गया।इसके अलावा, विधायकों को मिलने वाले अन्य भत्तों और पेंशन के प्रावधानों को भी संशोधित किया गया। इस निर्णय के पीछे मुख्य कारण राज्य में बढ़ती महंगाई और राज्य के विधायकों की बढ़ती कार्यशक्ति थी।2016 में किए गए सुधारों के तहत, विधायकों को ज्यादा सुविधाएं प्रदान की गईं ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा सकें।
2020 में उत्तराखंड के विधायकों की सैलरी में एक और बढ़ोतरी की गई, जो 1 लाख रुपये से ज्यादा हो गई। अब विधायकों को लगभग 1.2 लाख रुपये प्रति माह का वेतन मिलने लगा। इसके अलावा विधायकों को मिलने वाले अन्य भत्तों और पेंशन की राशि में भी इजाफा हुआ था।इस बार विधायकों को यात्रा भत्ते, राज्यसभा और विधानसभा के लिए दी जाने वाली राशि में भी वृद्धि की गई।
उत्तराखंड में 2023 में एक और निर्णय लिया गया जिसमें विधायकों की सैलरी को और बढ़ाया गया। इस दौरान विधायकों की सैलरी लगभग 2.90 लाख रुपये कर दी गई।
इस साल अगस्त में लगभग चार लाख रुपये प्रति माह कर दिया गया। इसके साथ ही विधायकों के लिए अन्य भत्तों और सुविधाओं में भी वृद्धि की गई, जो उन्हें कार्यों को और बेहतर तरीके से करने के लिए प्रेरित करते हैं. इसके पहले विधायकों को 2.90 लाख रुपये मिलते थे।
आज पहाड़ दरक रहे पहाड़ी जनमानस का जीवन अस्त व्यस्त दुर्गम रास्ते, स्वास्थ सेवाएं दुर्लभ पीपीपी मोड में व्यापार , शिक्षा व्यवस्था विद्यार्थी खुद अपनी परीक्षा करवा रहे अध्यापक प्रधानाध्यापक छुट्टी में बस ब्यूरोक्रेट नौकर शाह मंत्री सब देहरादून में मस्त आय से अधिक संपत्ति की सुरक्षा कर रहे ।
उत्तरखंड के 24 साल बेमिसाल