लखनऊ। अपना दल एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से त्यागपत्र देकर अनुप्रिया पटेल को अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ कर दिया है लेकिन भले ही अपना दल एस की नेता अनुप्रिया पटेल हैं पर पार्टी को इस मुकाम पर पहुचाने में आशीष पटेल अहम भूमिका रही है।पेशे से इंजीनियर आशीष पटेल अनुप्रिया पटेल के पति हैं और चित्रकूट के रहने वाले हैं एक साधारण परिवार से आने वाले असाधारण प्रतिभा के धनी आशीष पटेल ने शायद सपने में भी राजनीति में आने के बारे में नहीं सोचा होगा । 2008 में आशीष पटेल की शादी अनुप्रिया पटेल से हुई थी और शादी के मात्र 11 माह बाद अपना दल के संस्थापक डॉ सोनेलाल पटेल की मृत्यु एक सड़क हादसे में हो गई जिससे उनकी राजनैतिक विरासत शून्य की ओर अग्रसर हो गई । जब पूरे परिवार में सभी ने राजनीति आने से मना कर दिया तब पार्टीजनों ने अनुप्रिया पटेल से डॉ सोनेलाल पटेल के मिशन को संभालने को कहा राजनीति की ए बी सी डी न जानने वाली अनुप्रिया ने पिता के मिशन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया जहां एक तरफ अनुप्रिया ने आगे बढ़कर इस मिशन को संभाला वही आशीष पटेल ने पर्दे के पीछे रहकर अनुप्रिया पटेल का साथ दिया दोनो ने मिलकर पार्टी को एक नए मुकाम तक ले जाने का संकल्प लिया यह अनुप्रिया पटेल के व्यक्तित्व का जादू और आशीष पटेल का सांगठनिक और रणनीतिक कौशल ही था कि 2012 में अपने पहले चुनाव में ही अनुप्रिया पटेल रोहनिया से विधायक चुनी गईं । और दूरदर्शिता और रणनीतिक कौशल के तहत ही दोनों ने भाजपा से समझौता करके पहली बार 2 सांसदों के साथ संसद में अपना दल का खाता खोला और उपचुनाव में प्रतापगढ़ से एक विधायक भी जिताने में कामयाब रहे जहां अनुप्रिया अपना दल का चेहरा बनी रहीं वही आशीष पटेल पर्दे पीछे से पार्टी को धार देने में लगे रहे और उसी का परिणाम रहा जहाँ 2016 में में अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार में सबसे कम उम्र की मंत्री बनीं वही 2017 के चुनावों में पार्टी 9 विधायक जिताने में कामयाब रही कुछ पारिवारिक द्वंद के कारण 2017 का चुनाव अपना दल के बजाए अपना दल एस के बैनर तले लड़ा गया और पार्टी ने भारी सफलता हासिल की पहली बार प्रदेश में भी अपना दल एस सरकार में शामिल हुई और अपना दल एस का एक राज्यमंत्री बना इसी के बाद आशीष पटेल नौकरी से इस्तीफा देकर सक्रिय राजनीति में आ गए चूंकि तकनीकी दिक्कतों के कारण अनुप्रिया पटेल पार्टी की अध्यक्ष नहीं हो सकती थीं इसलिए पार्टी ने आशीष पटेल को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना । 2018 में आशीष पटेल एन डी ए घटबन्धन के प्रत्याशी के रूप में विधान परिषद सदस्य चुने गए । अध्यक्ष चुने जाने के बाद आशीष पटेल ने संगठन को नए स्तर पर खड़ा किया जानकार बताते हैं कि काम में आशीष पटेल इतना खो जाते हैं कि उन्हें खाना पीना भी याद नहीं रहता उनके करीबियों के अनुसार आशीष पटेल दिन में बीस से बाइस घंटे काम करते हैं और कभी कभी तो सोते ही नहीं है उनकी उसी लगन और मेहनत का परिणाम रहा कि अपना दल एस कांग्रेस को पछाड़ कर उत्तर प्रदेश की चौथी सबसे बड़ी पार्टी बन चुका है 2019 के लोकसभा चुनावों में भी आशीष पटेल के नेतृत्व में अपना दल एस ने 100 प्रतिशत रिजल्ट देते हुए 2 सांसद देश संसद में भेजे । अनुप्रिया पटेल चूंकि 2019 के चुनाव में अपना दल एस के बैनर पर लड़कर जीती हैं इसलिए आशीष पटेल ने 2 जुलाई को डॉ सोनेलाल पटेल जयंती पर अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषड़ा करते हुए अनुप्रिया पटेल को नया अध्यक्ष चुने जाने का प्रस्ताव पारित किया और पार्टी में एक नई छाप छोड़ी मिशन के मेहनत लगन और त्याग जो हो सकेगा वो वह करेंगे

सूत्र -बृजेश पटेल

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